तेरा ही बस होना चाहूँ Lyrics in Hindi ख़ुदा को दिख रहा होगा ना दिल तुझसे जुदा होगा तेरी तकदीर में मुझको वो अब तो लिख रहा होगा तेरा ही बस होना चाहूँ, तेरे दर्द में रोना चाहूँ तेरे दिल के इन ज़ख्मों पे, मरहम मैं होना चाहूँ तेरा ही बस होना चाहूँ, तेरे दर्द में रोना चाहूँ तेरे दिल के इन ज़ख्मों पे, मरहम मैं होना चाहूँ कर ले कुबूल खुदाया मेरे सजदे अब तो नसीब में मेरे उसे लिख दे तू फिर ना सोया होगा, शायद फिर रोया होगा आँसूू मेरी पलकों पे, यूँ ही न आया होगा दे ना मुझको आवाज़ें, या सुन मेरी फ़रियादें घेरे है मुझको यादें बिन तेरे तुझे ही बस पाना चाहूँ, ख़ुद को मैं खोना चाहूँ तेरे दिल के इन ज़ख्मों पे, मरहम मैं होना चाहूँ तेरा ही बस होना चाहूँ, तेरे दर्द में रोना चाहूँ तेरे दिल के इन ज़ख्मों पे, मरहम मैं होना चाहूँ दिल ने इबादत की है, तेरी बस चाहत की है लिख आया अर्ज़ियों में, तुझ बिन जीना नहीं है मुझमें अब मैं कहाँ हूँ, तुझमें रहने लगा हूँ मैं तो बस जी रहा हूँ बिन तेरे तुझे ख्वाब में देखना चाहूँ, तेरे साँस में खोना चाहूँ तेरे दिल के इन ज़ख्मों पे, मरहम मैं होना चाहूँ तेरा ही बस होना चाहूँ, तेरे दर्द ...